भारत के लाखों कर्मचारियों के लिए आने वाला साल 2025 बहुत बड़ी राहत लेकर आने वाला है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने यह घोषणा की है कि अगले वर्ष तक EPF ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल कर दी जाएगी।
इसका मतलब है कि जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो उसे अब अपने पुराने नियोक्ता से किसी भी प्रकार का फॉर्म या पेपरवर्क नहीं करना होगा। नई कंपनी में ज्वाइनिंग के बाद उसका PF बैलेंस कुछ ही दिनों में स्वतः नई यूएएन (UAN) प्रोफाइल में ट्रांसफर हो जाएगा।
EPFO पिछले कुछ वर्षों से अपनी सेवाओं को डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रहा है। अब यह संगठन पेपरलेस प्रोसेस की ओर कदम बढ़ाते हुए PF ट्रांसफर को ऑटोमेटेड बना रहा है।
EPFO अधिकारियों के अनुसार, इस नई प्रक्रिया को “फुली ऑटो EPF ट्रांसफर सिस्टम” कहा जाएगा। यह सिस्टम UAN, Aadhaar और e-KYC के इंटीग्रेशन पर आधारित होगा जिससे किसी प्रकार की मैनुअल वेरीफिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
वर्तमान में EPF ट्रांसफर की प्रक्रिया अपेक्षाकृत जटिल है। जब कोई कर्मचारी नई नौकरी में जाता है, तो उसे EPFO पोर्टल पर जाकर ट्रांसफर रिक्वेस्ट लगानी पड़ती है।
कई बार पुराने नियोक्ता से डिजिटल अप्रूवल लेना पड़ता है। यह पूरा प्रोसेस 15 से 30 दिन तक का समय ले सकता है। लेकिन नए डिजिटल सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया सिर्फ कुछ कार्य दिवसों में पूर्ण हो जाएगी।
EPFO के नए डिजिटल ट्रांसफर सिस्टम में हर कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आधार से जुड़ा रहेगा।
जब भी किसी कर्मचारी का नया नियोक्ता उसी UAN को लिंक करेगा, तो सिस्टम ऑटोमैटिकली पुराने PF खाते का बैलेंस ट्रांसफर कर देगा। इस पूरी प्रक्रिया में न तो कर्मचारी को ट्रांसफर रिक्वेस्ट करनी होगी, न ही किसी नियोक्ता की अनुमति का इंतजार करना पड़ेगा।
नई नौकरी मिलने पर PF बैलेंस कुछ ही दिनों में ट्रांसफर हो जाएगा।
किसी प्रकार के फॉर्म या डॉक्युमेंट जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
धोखाधड़ी या डुप्लिकेट ट्रांसफर की संभावना कम होगी क्योंकि सिस्टम पूरी तरह एआई और डिजिटल वेरिफिकेशन पर आधारित होगा।
EPFO अपने डेटा को अधिक ट्रांसपेरेंट और अपडेटेड रख पाएगा।
डिजिटल ट्रांसफर सिस्टम के साथ ही EPFO अपने मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल को भी नया अपडेट देने की योजना बना रहा है। इससे कर्मचारियों को PF पासबुक, क्लेम ट्रैकिंग और नामांकन जैसे कार्य एक ही प्लेटफॉर्म पर करने की सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा EPFO 2025 के अंत तक एक नया “Digital Claim Settlement” सिस्टम भी लॉन्च कर सकता है जिससे PF निकासी प्रक्रिया और सरल बन जाएगी।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा सुधार साबित होगा। फिलहाल कई बार ट्रांसफर में देरी के कारण PF खातों में दोहरी प्रविष्टि या पुराने खाते निष्क्रिय हो जाते हैं।
नए डिजिटल सिस्टम से ये समस्याएँ पूरी तरह खत्म हो जाएंगी। इससे कर्मचारियों का विश्वास EPFO पर और मजबूत होगा और सरकारी डिजिटल मिशन “Digital India” को भी मजबूती मिलेगी।
कर्मचारियों को अपने UAN को आधार और मोबाइल नंबर से जरूर लिंक करना चाहिए।
नए नियोक्ता से जुड़ने के बाद यह देखें कि आपके UAN से नई कंपनी का PF कोड सही लिंक हुआ है।
EPFO पोर्टल की “Member e-Sewa” वेबसाइट पर जाकर ट्रांसफर की स्थिति को जांच सकते हैं।
यदि कहीं कोई अंतर दिखे तो तुरंत हेल्पलाइन 14470 या ईमेल के माध्यम से संपर्क करें।
केंद्र सरकार पहले ही 2025 तक सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य रख चुकी है। EPFO का यह कदम उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
इसके लागू होने के बाद देश के करोड़ों कर्मचारियों को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि डिजिटल भुगतान और रिकॉर्डिंग सिस्टम को भी और मजबूती मिलेगी।
EPF ट्रांसफर का पूरी तरह डिजिटल होना कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव है। यह न केवल उनकी आर्थिक प्रक्रिया को सुरक्षित और तेज बनाएगा, बल्कि भारत के रोजगार और सामाजिक सुरक्षा तंत्र को भी भविष्य की डिजिटल दिशा में आगे बढ़ाएगा।
आने वाले महीनों में जैसे ही यह सुविधा लागू होगी, कर्मचारियों को अपनी नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर के झंझट से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी।